रतलाम / बारिश मे खेत खलहान मे जाने के लिये कच्चे मार्ग को पक्का बनाए जाने की मांग को लेकर ग्राम हतनारा के किसान कूड़ेल नदी मे जल सत्याग्रह पर बैठ गए. सुबह से शुरू हुआ जल सत्याग्रह शाम तक समाचार लिखें जाने तक जारी था. जल सत्याग्रह पर बैठे किसानो को समझाने के लिये मोके पर पहुचे जिला पंचायत के अधिकारियो की किसानों ने नहीं सुनी. किसान अपनी सड़क और नदी पर पुलिया बनाने की मांग पर अड़े रहे.
रतलाम के ग्राम हतनारा ( मालवासा ) के करीब दो दर्जन से अधिक किसान आज सुबह कूड़ेल नदी मे जल सत्याग्रह पर बैठ गए. हतनारा के इन किसानों की मांग थी की उनके खेत कूड़ेल नदी के उस पार है. बारिश मे नदी मे पानी आने से आने जाने मे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए इस कच्चे मार्ग को नदी पर पुलिया बनाकर ग्राम नगरा से जोड़ दिया जाए जिससे ग्राम हतनारा के किसानों की परेशानी दूर हो जाएगी..
जल सत्याग्रह की सूचना मिलने पर जिला पंचायत के अधिकारी मोके पर पहुचे.किसानों से चर्चा की. लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े रहे. बताया जाता है की अधिकारियो ने किसानों को इस कच्चे मार्ग को ग्रेवल मार्ग बनाने के लिये जनभागीदारी से बनाने का प्रस्ताव रखा था लेकिन किसानों ने जनभागीदारी से सड़क बनाने मे असमर्थता जताई. जल सत्याग्रह के तहत नदी मे बैठे किसान समरथ पाटीदार हतनारा ने बताया की इस मार्ग को बनाये जाने की मांग विगत तीन चार साल से की जा रही है. लेकिन किसी अधिकारी और ना ही चुने हुए जनप्रतिनिधी ने अभी तक सुध नहीं ली. जबकि सांसद, विधायक, जिला पंचायत, जनपद पंचायत तक को लिखित मे आवेदन देकर मांग की गई थी. सत्याग्रही समरथ पाटीदार ने बताया की जब तक उनकी मांग पुरी नहीं होंगी तक सत्याग्रह जारी रहेगा. उन्होंने बताया की करीब तीन सो घरो वाले ग्राम हतनारा के अधिकांश किसानों के खेत खलिहान नदी के पार है . बारिश मे आने जाने मे काफी परेशानी उठानी पढ़ती है. इस समस्या से निजात केवल नदी पर पुलिया और कच्चे मार्ग को पक्का बनाये जाने से मिलेगी.