रतलाम रंग पंचमी पर रतलाम पूरी तरह से रंगीन हो गया। रंग पंचमी का उत्साह पूरे ही शहर पर चढ़ा रहा। सुबह से लेकर शाम तक रंग बिरंगे चेहरे, रंगीन बालों से नाचते गाते युवा और महिलाओं की टोलियां दिखती रहीं।
पंचमी पर शहर में पारंपरिक गेर निकली जिसमें हजारों की संख्या में शहरवासी शामिल हुए और रंगों की मस्ती में भीगते रहे। फाईटर, बड़े-बड़े पाईप से रंगों की बौछार हुई और भीगते, नाचते हजारों की टोली सड़कों पर मस्ती बिखेरती रही। गली मोहल्लों में भी रंगों की उत्साह छाया रहा।
रंगों के त्यौहार का जादू हर खास, आम, बूढे, बच्चे, महिला पर चढ़ा रहा। रतलाम सांस्कृतिक मंच, रतलाम जागृति मंच, रतलाम कला मंच और अन्य सहयोगी संगठनों के बैनर तले रतलाम में गेर निकली। हजारों की भीड़ सड़कों पर निकली तो मशीन से गुलाल उड़ाया गया। नगाड़े और ताशों के साथ ढ़ोलों की आवाजों के बीच लोग होली के उत्साह में नाचते गाते रहे। नगर निगम के फाइटर से रंगों की बौछार पूरे बाजार पर होती रही।
कला अभिनव मंच द्वारा डालूमोदी बाजार चौराहे पर हर वर्ष की तरह गेर का भव्य स्वागत किया गया। यहीं पर गेर का समापन भी हुआ। इसके पहले फव्वारों से केसरिया और लाल रंग बरसाया गया जिसपर शहरवासी नाचते, भीगते रहे। कई अन्य संगठनों और संस्थाएं भी मार्ग में फुहारों की बौछार की और ठंडाई के साथ गेर का स्वागत किया। गेर रानी जी के मंदिर से प्रारंभ हुई और हजारों की भीड़ गणेश देवरी, न्यू क्लाथ मार्केट, माणकचौक, घास बाजार, चौमुखीपुल, चांदनीचौक, तोपखाना, हरदेवलाल की पीपली, आबकारी चौराहा, ब्राह्मणों का वास, धानमंडी, नाहरपुरा, पूर्णेश्वर महादेव मंदिर, श्रीमाली वास होते हुए डालू मोदी बाजार चौराहा पंहुची। मार्ग में जगह-जगह विभिन्न संगठन और संस्थाओं द्वारा रंग-गुलाल उड़ाकर गेर का स्वागत किया गया।
दो बत्ती रंगारंग मंच के तत्वावधान में रंगों की बारिश की गई। दोबत्ती से निकलने वाला भी बिना होली के रंग में रंगे नहीं निकल सका। फाईटर से उड़ते रंग भरे पानी से निकलने वाले भी सराबोर होते रहे। होली गीतों पर झूमते युवाओं और उड़ते रंगों को देखकर मन खुद ब खुद आनंदित होता रहा। समाजसेवी व पत्रकार तुषार कोठारी, रवि जौहरी, जोएब आरिफ, सुबोध मिश्रा, सौरभ सोनी आदि बड़ी संख्या में लोग उत्साह में शामिल रहे।