रतलाम एक गाव ऐसा है जहां शादिया तो होती है लेकिन केवल लड़कियों की ….गाव के लड़के अपनी शादी होने की बाट जोहते उम्रदराज होते जा रहे है। ऐसा नही है कि इस गाव के लड़कों के लिए रिश्ते नही आते है। रिस्ते तो आते है लेकिन लडको के लिए रिश्ता लेकर आने वाला एक बार आता है तो दूसरी बार गाव आना पसंद नही करता है। इसका कारण जानकार आप सरकार को कोसेंगे ।राजस्थान सीमा से लगा रतलाम जिले का गाव बछोड़िया की आबादी दो हजार से अधिक ओर मतदाता 1200 से अधिक है। यह गाव पिछले एक पखवाड़े से एक सड़क को लेकर काफी चर्चा में है। यह सड़क है गाव से डेड किलोमीटर दूर हनुमान फंटे तक कि ..इस फंटे से रानीगांव होकर मावता कालूखेड़ा जावरा जाता है।यही डेड किलोमीटर की सड़क नही बनने से गाव के युवाओं में नाराजी है। इनकी नाराजी की मुख्य वजह सड़क नही होने से इनकी शादिया नही हो पा रही है। युवको के साथ साथ इनके परिजन भी परेशान है। शादी के लिए परिजन प्रयास नही कर रहे हो ऐसा नही है। परिजन अपने लड़को के लिए लडकिया देखने भी जाते है। लेकिन जब लड़की वाले लड़के और उसके घर बार देखने आते है तो वापस जाकर कोई जवाब नही देते है। एक दो बार ऐसा नही हुआ बल्कि सेकड़ो बार हुआ। गाव के लोगो ने लड़की वालों से कई बार जवाब नही देने की वजह भी पूछी लेकिन लड़की वाले पहले तो कुछ बोलते नही लेकिन बाद में यह कहते है कि गाव में आने जाने के लिए सड़क नही होना।लड़की वालों के इस कारण को अब गाव के युवाओं ओर उनके परिजनों ने गंभीरता से लिया। इस गाँव मे सेकड़ो लड़के ऐसे है जिनकी सगाई इसी सड़क की वजह से टूट गई। ये आज भी कुंवारे है। गाव के कई लड़के तो गाव छोड़कर इसलिए ही चले गए ताकि उनकी शादी हो सके।
अब चुनावी साल को देखते हुए गाव वालो ने इस सड़क को बनाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। गाव में बेनर लगा दिए सड़क नही तो वोट नही। जनप्रतिनिधयों ओर सरकार से गुहार लगा लगाकर तक चुके गाव वालो ने सड़क निर्माण किये जाने को लेकर सरकार और जनप्रतिनिधियो को सद्बुद्धि देने के लिये 15 किलोमीटर की सद्बुद्धि यात्रा भी होरी हनुमानजी तक निकाली। इस यात्रा में बड़ी संख्या में गाव के लोग शामिल हुए। होरी हनुमान जी पहुचकर इन लोगो ने सामूहिक प्रार्थना कर सरकार को सद्बुद्धि देने की विनती भगवान से की ।गाव के प्रधान शंकरलाल गाव की सड़क नही बनने से काफी दुखी नजर आते है। उनका कहना है कि हनुमान फंटे से बछोड़िया गाव को सड़क है जिसका पुराने टाइम में अर्थ वर्क हुआ था।वह आज इस स्थिति में बदल गया कि बारिश में दुपहिया वाहन से लोग गिर जाते हैं तो चार पहिया वाहन गड्ढे में फस जाते हैं। हमारे गांव में कोई अधिकारी रिश्तेदार अन्य कर्मचारी आने में कतराते हैं। इस सड़क मार्ग के कारण गांव के लोग कई सारी योजनाओं से वंचित हो रहे है।हमारे गांव में 30 – 40 लड़के ऐसे हैं जिनके सगाई संबंध बने हुए थे आज तक लेकिन वह सब सड़क नहीं होने के कारण टूट गए हैं।इस सड़क के नही होने के कारण कोई रिश्तेदार आना नहीं चाहता
क्षेत्र के जनपद सदस्य बालाराम पटेल ने बताया कि मुख्य समस्या रोड की है यह रोड फंटे तक ओर वहां से जावरा तक जाता है। हमारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मावता लगता है। रोड इतना खराब है कि कभी-कभी चारपाई पर भी लेकर जाना पड़ता है ।बारिश में बहुत दिक्कत होती है गांव में बसे आना बंद हो गई है।रिश्तेदार लोग आते हैं तो इस रास्ते को देखकर वापस चले जाते हैं। रिश्ता भी तोड़ कर चले जाते हैं। मैंने काफी मांग उठाई। इस सड़क के कारण गांव के लगभग 100 से ज्यादा लड़कों की शादियों के रिश्ते टूट गए। यह समस्या शुरू से ही बनी हुई है जब मैं सरपंच था तब 2003–2004 में इस सड़क को थोड़ा मैंने सुधरवाया था लेकिन उसके बाद किसी ने सुध नहीं ली समस्या जस की तस बनी हुई है।
गाव के कुंवारे युवक दशरथ लाल का कहना है की वह वर्तमान में इंदौर में प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूं।सड़क एक बहुत बड़ी समस्या है इस सड़क के कारण यहां जो भी रिश्तेदार आता है वह गांव की सड़क को देख कर भाग जाता है । मेरी शादी नहीं हुई गांव में मिनिमम 21 साल की उम्र में शादी हो जाती है लेकिन मेरी खुद की है उम्र इससे ज्यादा हो गई है कोई रिलेशन वाला आता नहीं है और जो आते हैं तो वह सड़क देखकर रिटर्न हो जाता है कोई आने का नाम नहीं लेता है।
गाव की बुजुर्ग महिला नंदीबाई का कहना है कि गांव में सड़क नहीं है। समस्या है कि बच्चा बच्ची की सगाई करवा आवे तो वापस लौट जाते हैं लोग सड़क नहीं बनती तो तो कोई नहीं आता सगाई टूटने वाले बहुत सारे लड़के लड़कियां हैं। गाव की महिला मंगलाबाई का कहना है कि डिलीवरी वाली महिला को ले जाते है तो कभी-कभी तो डिलीवरी रास्ते में हो जाती है। बच्चे स्कूल नहीं जा सकते हैं कीचड़ में ड्रेस खराब हो जाती है तो कई बच्चे वापस घर आ जाते हैं स्कूल भी नहीं जा पाते। सड़क नहीं होने के कारण बहुत सारे लड़के कुंवारे घूम रहे हैं। गांव में संबंध वाले आते हैं देखते हैं लेकिन वापस चले जाते हैं। फिर कोई जवाब भी नहीं देते हैं और बहुत सारे लोग तो मेन रोड से ही देखकर वापस लौट जाते हैं वह लोग कहते हैं कि गांव गड्ढे में है इसका रास्ता भी सही नहीं है हमें संबंध नहीं करना है।ग्राम पंचायत बछोड़िया के पूर्व सरपंच अंबाराम कुमावत ने बताया कि इस सड़क पर पहले कच्चा मुरम डला था उसके बाद से इस सड़क पर किसी का ध्यान नहीं है। बछोड़िया में जो लड़कियां लेने आते हैं तो लड़कियां तो ले जाते हैं बाकी अपनी लड़कियां इस गांव में देने को तैयार नहीं है। इस गांव की जनसंख्या करीब 2 से ढाई हजार और अभी तक 100 से ज्यादा लड़कों की शादियां नहीं हो पाई है इस सड़क के कारण अभी तक यह लड़के कुंवारे ही घूम रहे हैं माता-पिता परेशान है इन बच्चों के।
जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति का कहना है कि देखिए कुछ दिन पहले बछोड़िया के ग्रामवासी आए थे। उनके द्वारा बछोड़िया में सड़क की मांग की जा रही है। बारिश में गाव के कट ऑफ होने वाली बात नहीं है। वर्तमान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मैं सड़क बनी हुई है। ग्राम वासियों द्वारा रानी गांव से गांव को जोड़ने के लिए रोड की मांग की जा रही है। इसको पक्की डामर की बनाने के लिए मांग कर रहे हैं।इस सड़क को बनाने के लिए एस्टीमेट काफी ज्यादा आ रहा है। इसकी कास्ट ज्यादा है तो इसकी स्वीकृति शासन स्तर से ही होता है। अगर हम सुदूर सड़क बना दे तो ग्राम वासियों को वह मंजूर नहीं है। हमने सड़क बनाने का प्रस्ताव शासन स्तर पर भेज दिया है अब शासन स्तर से जैसे ही स्वीकृति आएगी तो हम सड़क बनवा देंगे।